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डरावना सपना देखना कोई बीमारी नहीं है, लेकिन जब यह बार-बार हो, दिनभर काम करने की क्षमता कम करे, दिमाग में उसकी यादें बनी रहें या व्यक्ति सोने से ही डरने लगे, तब इसे नाइटमेयर डिसऑर्डर माना जाता है. ऐसे लोगों में अक्सर थकान, चिड़चिड़ापन, ध्यान की कमी, याददाश्त में कमी और बुरे सपनों का लगातार डर देखने को मिलता है. बच्चों में यह समस्या होने पर माता-पिता की नींद भी प्रभावित होती है.

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हल्का भोजन करें: रात का खाना हल्का और पचने में आसान होना चाहिए। इसे जल्दी खाएं ताकि शरीर को आराम से पचाने का समय मिल सके।

रात में क्यों आते हैं डरावने सपने? इसके पीछे क्या होती है वजह, यहां समझ लीजिए

दिल की बीमारियां हमारे सपनों पर भी असर डाल सकती हैं। जब हमारी हृदय गति तेज हो या घबराहट महसूस हो, तो यह दिमाग पर असर डालता है और हम डरावने सपने देख सकते हैं। कई बार, ऐसे डरावने सपनों के बाद दिल की धड़कन और तेज हो जाती है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ सकता है। यह समस्या इसलिए हो सकती है क्योंकि हमारे शरीर में तनाव और घबराहट बढ़ जाती है, जिससे नींद भी प्रभावित होती है।

हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं: अपनी दिनचर्या में अच्छे आहार और व्यायाम को शामिल करें। इससे आपके दिल और मानसिक स्थिति दोनों को फायदा होगा।

ऐसे सपनों से अक्सर नींद टूट जाती है, मन बेचैन हो जाता है और थकावट बनी रहती है। इसलिए मानसिक शांति बहुत जरूरी है।

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.. वो बादल उतरने लगे झील में परिन्दे दरख्तों पे गाने लगे जो तुम हमसफ़र हो तो ऐ हमसफ़र हमें सारे मंज़र सुहाने लगे मंज़िलों से गले रास्ते मिल गए सपने सच हो गए पूरी हर आस है आपका दिल हमारे ...

एक सूदिंग सी नाइट लाइट जलाकर सोने से अच्छी नींद आती है. 

कई दवाएं ऐसी होती हैं जिसका असर रात को दिखता है और वो ब्रेन पर असर करती हैं. 

बुरे सपने कभी भी और क‍िसी भी उम्र में सोने के बाद आ सकते हैं.

कई बार दिन भर नेगेटिव विचार या फिर कई व्यर्थ बातें सोचने की वजह से रात को ऐसा होता है,

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